Thursday, May 26, 2016

quraan samjhna aasan hae

. √ कुछ आलिम कयूँ कहते हैं कि क़ुरान समझना सब के बस की बात नहीँ।

1🔻 क्यूंकि क़ुरान कहता है की अल्लाह के सिवाए कोई ग़ैब जानने वाला नहीँ (6:59)

2🔻 क्यूंकि क़ुरान कहता है कि गैरुल्लाह के नाम की नज़रो नियाज़ हरम है (2:173, 5:3)

3🔻 क्यूंकि क़ुरान कहता है कि दुआओं में खालिस अल्लाह को पुकार जाये (10:106)

4🔻 क्यूंकि क़ुरान कहता है की रसूल को ख़ुदा समझना कुफ़्र है (3:80)

5🔻 क्यूंकि क़ुरान कहता है की क़ब्र में दफ़न शुदा लोग नफ़ा नुक्सान पहुचने का इख़्तियार नहीं रखते(16:20, 21)

6🔻अल्लाह फरमाता है कि हमने क़ुरान को समझनेे के लिए आसान कर दिया तो है कोई नसीहत कबूल करने वाला? (54:17)

7🔻 क्यूंकि क़ुरान कहता है की अल्लाह तुम्हारे करीब है और जब तुम उसे पुकारते हो तो वोह पुकार सुनता भी और दुआ कबूल भी करता है (2:186)

8🔻 क्यूंकि क़ुरान कहता है कि अल्लाह बिलकुल तुम्हारे करीब है उस तक पहुँचने के लिए किसी भी इंसान के ज़रिये की ज़रूरत नहीं (39:3)

9🔻 क्यूंकि क़ुरान कहता है की जो क़ब्रों के अंदर हैं वो नहीं सुन सकते (35:22)

दोस्तो अल्लाह ने क़ुरान को नाज़िल ही इस लिए किया है कि इसे समझा जाये और समझ कर अमल किया जाय।

लेकिन कुछ मफाद परसत लोगों की बजह से आज दीन को ढ़ाल बनाकर मुसलमानो को गुमराह कर के इन की जेब पर ये कहकर डांका डाला जा रहा है की फुंला दूध वाला अपने दूध में पानी मिलाकर बेचता है।

कोई पोखर का पानी मिलाता है कोई यमुना,नल और तालाब का पानी मिलाता है । लेकिन मैं अपने दूध में आवेज़मज़म मिलाता हूँ।

मेरा दूध एकदम शुद्ध है अब बताईये इस दूध में मिलाबट हुई या नहीं।

इसी तरह भोले भाले मुसलमानो को धोका दिया जाता है कहा जाता है कि अल्लाह ने क़ुरान को शिफ़ा कहा है इसलिए इसे ताबीज बना कर गले में लटकाने से शिफ़ा मिलती है।

लेकिन अगर हम मुसलमानो ने क़ुरान को बाकई समझ कर पढ़ा होता तो मालूम पड़ता की अल्लाह ने शहद को भी शिफ़ा कहा है तो हमने शहद की बोतल को अपने गले में क्यूं नहीं लटकाया क्यु

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